कॉपीराइट का अधिकार रखने वाले लोग या इकाइयां, हमारे कॉपीराइट मैनेजमेंट सुइट की मदद से, YouTube पर अपने कॉपीराइट वाले कॉन्टेंट के इस्तेमाल को कंट्रोल कर सकती हैं. इसमें Content ID मैचिंग की सुविधा दी गई है. यह एक बेहतरीन टेक्नोलॉजी है, जिससे कॉपीराइट का उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट का पता लगाना आसान हो जाता है. हमने इसमें YouTube के करोड़ों उपयोगकर्ताओं के लिए एक सार्वजनिक वेबफ़ॉर्म उपलब्ध कराया है. इसका इस्तेमाल करके डीएमसीए के तहत, कॉपीराइट उल्लंघन की शिकायत की जा सकती है. साथ ही, इसमें खास तौर पर 30 लाख से ज़्यादा क्रिएटर्स के लिए बनाया गया Copyright Match Tool है. इसमें Content ID का एंटरप्राइज़ सलूशन भी है, जिससे म्यूज़िक लेबल, फ़िल्म स्टूडियो या कलेक्टिंग सोसाइटी जैसी बड़ी संस्थाओं को अपने कॉपीराइट अधिकारों के बेहतर मैनेजमेंट में मदद मिलती है.
Content ID और Copyright Match Tool इस्तेमाल करने वाले लोगों या इकाइयों को YouTube पर अपलोड होने वाले उन वीडियो की जानकारी अपने-आप मिल जाती है जिनमें उनका कॉन्टेंट शामिल हो सकता है. Content ID के मामले में उन रेफ़रंस फ़ाइलों की मदद से ऐसा किया जाता है जो कॉन्टेंट का अधिकार रखने वाले व्यक्ति या इकाई देते हैं. Copyright Match Tool इस्तेमाल करने वाले लोगों या इकाइयों को अपने अपलोड किए गए वीडियो या उन वीडियो से मिलते-जुलते वीडियो दिखते हैं जो कॉपीराइट उल्लंघन का मान्य नोटिस मिलने के बाद हटाए गए हैं. इसके अलावा, Content ID का इस्तेमाल करने वाले लोगों या इकाइयों के पास पहले से यह चुनने की सुविधा होती है कि ऐसे वीडियो की पहचान होने पर क्या करना है. Content ID सिस्टम से कॉपीराइट के मालिकों को कई तरह के फ़ायदे मिलते हैं. इससे कॉन्टेंट की पायरेसी पर न सिर्फ़ रोक लगाई जा सकती है, बल्कि उससे कमाई भी की जा सकती है. YouTube ने कॉपीराइट के मालिकों को दिसंबर 2022 तक, सिर्फ़ विज्ञापनों के ज़रिए मिले रेवेन्यू से नौ अरब डॉलर से ज़्यादा का पेमेंट किया है. यह रेवेन्यू, उस कॉन्टेंट से मिला है जिस पर Content ID से दावा करके कमाई करने का विकल्प चुना गया है.